Asiatic lion (भारतीय बब्बर शेर) के बारे में संपूर्ण जानकारी
• परिचय (Introduction)
जब भी ताकत की या जंगल की बात आती है तो सबसे पहले बब्बर शेर (Lion) को याद किया जाता है। सिर्फ इसलिए नहीं क्योंकि बब्बर शेर (Lion) को जंगल का राजा माना जाता है। इसके पीछे दूसरी वजह यह भी है कि दुनिया की अलग अलग संस्कृति ओर सभ्यताओं (Cultures and Civilizations of World) मे बब्बर शेर (Lion) को शक्ति (Power) और वैभवता (Royalty) का प्रतीक माना गया है। और जैसे कि सब जानते है कि भारत में बब्बर शेर सिर्फ गुजरात राज्य में स्थित गिर के जंगलों में पाया जाता है जिसे दुनिया Asiatic Lion (एशियाई बब्बर शेर) के नाम से जानती है और इसका वैज्ञानिक नाम (Panthera Leo Persica) है। भारत में बब्बर शेर को सिंह के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय बब्बर शेर (Asiatic Lion) अपनी नस्ल का सबसे अनोखा वन्य प्राणी (Wild Animal) है और जिसके बारे में हम विस्तार से इस ब्लॉग के माध्यम से जानेंगे।
बब्बर शेर का इतिहास (History of Asiatic Lion) :
एक समय ऐसा था जब भारतीय बब्बर शेर (Asiatic Lion) मध्य एशिया से लेकर भारत के उत्तरी और मध्य क्षेत्र तक निवास करते थे, इनका चित्रण कई प्राचीन चित्रों में, मौर्य कालीन अशोक स्तंभ पर ओर कई राजपूती शैली में बने किले, महलों ओर गहनों में भी किया गया है।
• ऐसा क्या हुआ था कि भारतीय बब्बर शेर (Asiatic Lion) की संख्या इतनी कम हो गई थी?
19 वी शताब्दी में भारी मात्रा में वन कटाई ओर अंग्रेजों द्वारा अत्याधिक शिकार की वजह से 20 वी सदी के शुरुआती दौर में इनकी संख्या महज 20 से 30 के करीब ही रह गई थी।
• भारतीय बब्बर शेर (Asiatic Lion) को विलुप्त होने से किसने बचाया?
अंग्रेजों ओर अन्य शिकारियों द्वारा भारतीय बब्बर शेर (Asiatic Lion) का बड़ी मात्रा में शिकार किए जाने की वजह से उनकी संख्या में भारी गिरावट आई सन 1900 के शुरुआती दौर तक भारतीय बब्बर शेर (Asiatic Lion) लगभग 20 के करीब ही बचे थे और विलुप्ति की कगार पर पहुँच चुके थे। ऐसे में सन् 1900 में जूनागढ़ के नवाब द्वारा भारतीय बब्बर शेर (Asiatic Lion) के शिकार पर प्रतिबंध लगाया गया जो अपने आप में बहुत अच्छा निर्णय साबित हुआ ओर ऐसा किसी अन्य राजा के रियासत काल में कभी नहीं हुआ था यह एक राजवी द्वारा लिया गया अहम ओर बदलाव लाने वाला निर्णय था। उसके बाद करीब सन् 1911 में गिर को वन अभ्यारण्य घोषित किया गया। जिसकी वजह से भारतीय बब्बर शेर को संरक्षण मिला और नवाब के इन प्रयासों की वजह से भारतीय बब्बर शेर की संख्या धीरे - धीरे बढ़ने लगी। सच में जूनागढ़ के नवाब का यह फैसला उस समय के हिसाब से बहुत आधुनिक ओर दूरदर्शी था।
भारतीय बब्बर शेर की शारीरिक बनावट (Body Structure of Asiatic Lion) :
एक नजर देखने पर शायद किसी को अफ्रीकी बब्बर शेर (African Lion) और भारतीय बब्बर शेर (Asiatic Lion) मे फर्क नजर नहीं आता हो लेकिन भारतीय बब्बर शेर (Asiatic Lion) अपने आप में अनोखा है और उसकी अपनी अलग ही पहचान है। तो चलिए जानते है आप इसे कैसे पहचान सकते है और कैसे यह अन्य शेरों की तुलना में सबसे अलग है।
• सबसे पहली चीज है इसकी अयाल (Mane of Asiatic Lion) भारतीय बब्बर शेर की आयल अन्य किसी भी बब्बर शेर की तुलना में कम घनी होती है। इसकी अयाल कम घनी होने की वजह से अन्य शेरों की तुलना में इसके कान आसानी से दिखाई देते है। और दूसरे किसी भी बब्बर शेर की तुलना में इसकी अयाल के बाल ज्यादा काले होते है।
• भारतीय बब्बर शेर रंग और कोट (Coat of Asiatic Lion) अगर देखा जाए तो इसका रंग कुछ भूरा रेतीले कलर जैसा होता है और पंजों और पैरों की तरफ थोड़ा गहरा होता है जिस से इसे सुखी घास वाले ओर रेतीले मैदान ओर पथरीले इलाकों में छिपने में मदद मिलती है।
• भारतीय बब्बर शेर की पूंछ के अंत में घने काले बालों का गुच्छा होता है और पैर की कोहनी पर काले थोड़े लंबे बाल होते है जो इसे अन्य शेरों की तुलना में अलग पहचान देते है।
• भारतीय बब्बर शेर की एक पहचान यह भी है कि दूसरे किसी भी शेर की तुलना में इसके पेट की त्वचा ढीली ओर लटकी हुई होती है जो गर्दन से ले कर पिछले पैरों तक होती है।
• अगर आकर की बात की जाए तो भारतीय बब्बर शेर अफ्रीकी शेरों की तुलना में थोड़ा छोटा होता है। नर बब्बर शेर की कुल लंबाई 2.7 मीटर से 3.8 मीटर पूंछ सहित होती है।
बब्बर शेर का आवास (Asiatic Lion Habitat) :
• 1412 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ गिर का जंगल जो भारत देश के गुजरात राज्य में सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है। जो भारतीय बब्बर शेर (Asiatic Lion) का दुनिया में इकलौता प्राकृतिक आवास है। जो Gir National Park के नाम से भी जाना जाता है।
• भारतीय बब्बर शेर अफ्रीकी शेरों की तरह बड़े समूह में नहीं रहता यह आमतौर पर छोटे - छोटे समूह में रहते है जिसमें एक से दो मादाएं ओर उनके शावक शामिल हो सकते है और कभी कभी यह जोड़े में भी रहते है यानी एक नर ओर एक मादा ओर कई बार ऐसा भी देखा गया है कि नर बब्बर शेर अकेले भी रहते है जो गिर के इन बब्बर शेरों को अफ्रीकी शेरों की तुलना में बिल्कुल अलग बनाता है।
• गिर में शुष्क पर्णपाती वन, खुले घास के मैदान ओर पहाड़ी क्षेत्र भी है। साथ ही गिर के जंगलों में भारतीय बब्बर शेर (Asiatic Lion) के अलावा तेंदुए (Leopard), धारीदार लक्कड़बग्घे (Striped Hyena), नीलगाय (Nilgai), जंगली सुवर (Wild Boar) और अन्य कई जीवों के साथ - साथ 200 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती है।
• भारतीय बब्बर शेर की गिर के जंगलों में मौजूदगी और जंगलों के आस-पास बसने वाले मालधारी समाज के लोगों का इस शेरों के साथ रिश्ता ऐसा है कि इन्हें आज सारी दुनिया जानती है। सदियों से एक दूसरे के बीच रह रहे इन शेरों ओर मालधारी लोगों का एक दूसरे के प्रति ऐसा विश्वास है कि "जब कोई मालधारी रास्ते से गुजर रहा होता है और शेर सामने आ जाए तो मालधारी बिना डरे चलता रहेगा और शेर भी उसके पास से बिना उसे नुकसान पहुंचाए गुजर जाएगा" एक दूसरे के प्रति इतना विश्वास होना यह अपने आप में मनुष्य का ओर बब्बर शेर का अनोखा मेल है और इसी वजह से Gir National Park पूरी दुनिया में इतना प्रसिद्ध है।
बब्बर शेर का आहार (Prey of Asiatic Lions) :
• भारतीय बब्बर शेर (Asiatic Lion) अफ़्रीकी शेरों की तरह बड़े झुंड में नहीं रहता इस लिए कभी - कभी अकेले शिकार करता है और अगर झुंड साथ हो तो भी शिकार में मादा शेरनी की मदद करता है।
• इनके शिकार में मुख्य रूप से नीलगाय, चीतल हिरन, सांभर हिरन कभी - कभी जंगली सुवर जैसे जानवर शामिल होते है। वैसे तो यह जंगलों में ही शिकार करते है लेकिन कभी - कभी ये मानव बस्तियों में पहुंच कर उनके मवेशियों का भी शिकार कर लेते है। जिनमें पालतू गाय, भेड़, बकरियाँ आदि शामिल है।
भारतीय बब्बर शेर का जीवन चक्र (Lifespan of Asiatic Lion) :
• भारतीय बब्बर शेर में मादा शेरनी का गर्भकाल लगभग 108 दिनों का होता है जिसके बाद वह 2 से 4 शावकों को जन्म देती है। और लगभग छह हफ्तों के बाद उन शावकों को झुंड में शामिल किया जाता है जिसमें झुंड की मादाएं उन शावकों का ख्याल रखती है।
• भारतीय बब्बर शेर की जंगल में आयु लगभग 10 से लेकर 15 साल औसत हो सकती है। और कैद में यानी किसी Zoo में अच्छे से देखभाल पर 20 से 25 साल तक हो सकती है।
भारतीय बब्बर शेर का संरक्षण (Conservation of Asiatic Lions) :
• भारतीय बब्बर शेर के लिए भारत सरकार ने परियोजना शुरू की जिसका नाम Asiatic Lion Conservation Project है। इस परियोजना के तहत् भारतीय बब्बर शेरों की निगरानी आधुनिक तरीके से की जा रही है जिसमें रेडियो कॉलर और GPS जैसी अन्य तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा इसमें रोग प्रबंधन पर भी कार्य किया जा रहा है। साथ ही शेरों की बढ़ती संख्या का घनत्व कम करने के लिए Kuno, Palpur और Barda जैसे वैकल्पिक आवास विकसित किए जा रहे है।
• वन विभाग की और से किसानों द्वारा अपनी फसलों की रक्षा के लिए लगाई गई बिजली की बाडों (Electric Fance) और खुले कुओं (Open Wells) से होने वाली मौतों को रोकने के प्रयास किए जा रहे है।
• पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने साल 2020 में Project Lion को मंजूरी दी, साथ ही साल 2018 में अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक संरक्षण संघ (IUCN) ने भारतीय बब्बर शेर (Asiatic Lion) को संकटग्रस्त (Endangered) की श्रेणी से हटा दिया है और असुरक्षित श्रेणी में शामिल किया है।
• बब्बर शेर (Asiatic Lion) के संरक्षण के प्रयासों का नतीजा है वर्ष 2020 में इनकी संख्या कुल 674 के करीब थी जो आज 32% बढ़कर वर्ष 2025 में 891 के करीब हो चुकी है और अनुमान है की अगले 10 वर्षों में ये आंकड़ा 70% वृद्धि के साथ बढ़ेगा।
भारतीय बब्बर शेर का अंतरराष्ट्री महत्व (International Importance of Asiatic Lions) :
• भारतीय बब्बर शेर (Asiatic Lion) का अंतराष्ट्रीय स्तर पर बहुत महत्व है क्योंकि यह प्रजाति अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संरक्षण का उत्तम उदाहरण है। साथ ही यह अपना एक सांस्कृतिक महत्व भी रखता है जो ऐतिहासिक विरासत का हिस्सा है और शक्ति ओर सामर्थ्य का प्रतीक भी है साथ ही इसे भारत के राष्ट्रीय चिन्ह और मुद्रा पर भी स्थान मिला हुआ होने के कारण और दुनिया में बहुत कम संख्या में बची हुई कुछ दुर्लभ प्रजाति में मुख्य स्थान पर होने की वजह से भी इसका अंतर्राष्ट्रीय महत्व अपने आप में बहुत मायने रखता है।
निष्कर्ष (Conclusion) :
• इस ब्लॉग में हमने जाना कि भारतीय बब्बर शेर (Asiatic Lion) जैव विविधता का एक महत्वपूर्ण अंग है और आने वाली पीढ़ी के लिए यह एक अनमोल धरोहर के समान है जिसका संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है और लगातार प्रयासों से इनकी स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ भी है लेकिन अभी भी कई चुनौतियां इसकी राहों में खड़ी है।
FAQ'S :
Q1. भारतीय बब्बर शेर का वजन Weight of Asiatic Lion कितना होता है।?
Ans. नर बब्बर शेर का वजन 160 kg से 190 kg तक होता है। वहीं मादा शेरनी का वजन 110 kg से 120 kg के करीब होता है।
Q2. भारतीय बब्बर शेर की ऊंचाई ओर लंबाई Height and Length of Asiatic Lion कितनी होती है।?
Ans. एक पूरी तरह से तंदरुस्त नर बब्बर शेर की ऊंचाई कंधों से 3.5 feet के करीब ओर लंबाई पूंछ सहित 9.5 feet तक हो सकती है। वहीं मादा शेरनी ऊंचाई ओर लंबाई में थोड़ी छोटी होती है।
Q3. भारत में बब्बर शेर की संख्या Population of Asiatic Lions in India कितनी है।?
Ans. वर्तमान समय में भारत में बब्बर शेर की कुल संख्या 891 के करीब है।
Q4. भारत में बब्बर शेर कहा पाया जाता है।? Where Asiatic Lions habitat in India?
Ans. पूरी दुनिया ओर भारत में भारतीय बब्बर शेर सिर्फ ओर सिर्फ गुजरात राज्य के सौराष्ट्र में बसे Gir National Park and Wildlife Sanctuary मे पाया जाता है।
Q5. भारतीय बब्बर शेर ओर अफ्रीकी बब्बर शेर में कौन बड़ा होता है।? Which is bigger in size Asiatic Lion or African Lion?
Ans. अफ्रीकी बब्बर शेर भारतीय बब्बर शेर की तुलना में थोड़ा बड़ा होता है। साथी ही वजन ओर ऊंचाई में भी ज्यादा होता है।
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